महाकुंभ मेला 2025 तिथियां

महाकुंभ मेला 2025 तिथियां, अगला महाकुंभ मेला 144 साल बाद कब है,

महाकुंभ मेला 2025 तिथियां

महाकुंभ मेला 2025 तिथियांमहाकुंभ 2025 के कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा है, और यह भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का एक प्रमुख उत्सव है। महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष महत्व है, और इस वर्ष तीन शाही स्नान की तिथियां निर्धारित की गई हैं:

शा ही स्नान तारीखें:

  1. 14 जनवरी, 2025 – मकरसंक्रांति
  2. 29 जनवरी, 2025 – मौनी बिग
  3. 3 फरवरी, 2025 – वसंत पंचमी

आज का पंचांग 24 जनवरी 2025

आज माघ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, दिन गुरुवार । यह दिन धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। आओ, सरल शब्दों में आज के शुभ मंदिर, राहु काल और महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों के बारे में जानें:

महत्वपूर्ण जानकारी

  • तिथि : माघ शुक्ल पक्ष दशमी
  • वार : गुरुवार
  • सूर्योदय : प्रातः 7:13 बजे
  • सूर्य : शाम 5:55 बजे
  • नक्षत्र : स्वाति
  • योग : शुक्ल
  • चन्द्रमा : तुला राशि
  • सूर्य : मकर राशि

शुभ महोर्त

  • अभिजीत उत्सव : 12:05 से 12:45 तक
  • विवाह मुहूर्त : दिन भर शुभ
  • गंगा स्नान : प्रातःकाल (सूर्योदय का समय)

अशुभ समय (राहुकाल)

  • राहुकाल : दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
    इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।

आज के धार्मिक कार्य

  1. भगवान विष्णु की पूजा :
    • श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
    • पीले वस्त्र दान करें।
  2. गंगा स्नान :
    • कुंभ स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
    • आपके वजन के बराबर अन्न का दान पुण्य माना गया है।
  3. शिव पूजा :
    • पार्श्विक वालिवा रुद्र अभिषेक करें।
    • लिंग पर मधु, तिल, बेलपत्र और गंगाजल देखें।
  4. दान-पुण्य :
    • धार्मिक परामर्श और अन्न का दान करें।
    • माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लें।

आज का दिन धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ है। समय भगवान की आराधना करें और पुण्य लाभ प्राप्त करें।

सामान्य स्नान तिथियाँ:

  1. 13 जनवरी, 2025 – पौष पूर्णिमा
  2. 12 फरवरी, 2025 – माघी पूर्णिमा
  3. 26 फरवरी, 2025 -महारात्रि

इस भव्य उत्सव के दौरान लाखों अलौकिक स्नान और दर्शन के आकर्षण। मेले में सुरक्षा के विचित्र आकर्षण शामिल हैं, जिनमें डूबे हुए कैमरे, 100 शहर और झंडे वाले झंडों की निगरानी शामिल है।
महाकुंभ में आने वाले लोगों के लिए चार प्रवेश द्वार बनाए गए हैं: कब्रिस्तान तिराहा, काली मार्ग, जेट जवाहरात, और बांगड़ स्मारक।

यह मेला भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के अनोखे संगम का अनुभव का अवसर है।

महाकुंभ मेला: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन

कुंभ मेले में हर 12 साल में एक बार एक ऐसा धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें करोड़ों लोग एक साथ आते हैं। यह मेला भारत के चार पवित्र स्थानों – समुद्र तट, हरिद्वार, समुद्र तट और समुद्र तट – पर आयोजित होता है। कुंभ का सबसे खास आयोजन महाकुंभ मेला है, जो हर 144 साल में होता है। इसे जीवन में एक बार मिलने वाला दुर्लभ अवसर माना जाता है।

महाकुंभ मेले का महत्व

कुंभ मेले का आधार हिंदू पौराणिक कथा है। सिद्धांत यह है कि जब देवता और असुर अमृत (अमृत का रस) के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे, तब अमृत की कुछ बूंदें चार पवित्र स्थानों पर गिरीं। इन तीर्थों पर कुम्भ मेला लगता है।

इस दौरान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम में अपने पापों को धोने और मोक्ष प्राप्त करने की कोशिश की जाती है। इनमें से कुंभ को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह नदियों का संगम स्थल है।

अगला महाकुंभ मेला क्यों है खास? अगला महाकुंभ मेला 144 साल बाद शुरू हुआ है

महाकुंभ मेला 144 साल में एक बार होता है और इसमें खगोलीय यादें जुड़ती हैं। अगला महाकुंभ मेला 22वीं सदी में होगा। यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक होगा। लेकिन 2025 में होने वाला असमतल कुंभ मेला भी बहुत खास होगा, क्योंकि इसमें लाखों लोगों का हिस्सा है।

कुम्भ मेले की झलकियाँ

  • शाही स्नान: साधुओं और संत संगम में बिकाऊ हैं, जहां से मेले की शुरुआत होती है। इसे सबसे पवित्र स्नान माना जाता है।
  • नागा साधु: तपस्वी जीवन जीने वाले नागा साधु कुंभ मेले की खास पहचान हैं।
  • धार्मिक प्रवचन: कई संत और गुरु धर्म और जीवन के उद्देश्य पर प्रवचन देते हैं।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में भारतीय संस्कृति के रंग-रूप देखने को मिलते हैं, जैसे लोक नृत्य, गीत और प्रदर्शन।

2025 का कुंभ मेला क्यों है खास?

2025 का कुंभ मेला असमतल में होगा। यह धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि अत्यंत अलौकिक है। लाखों अखंड संगम में स्नान करेंगे और मेले के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

कुंभ मेले की तैयारी कैसे करें?

कुंभ मेले में भाग लेने के लिए पहले से योजना बनाना जरूरी है। मेले के दौरान बड़ी भीड़ होती है, इसलिए:

  1. आवास: पहले से होटल या होटल की सलाह लें।
  2. यात्रा: समय पर टिकट और यात्रा की योजना।
  3. टूर रीडर: कई टूर टूरिस्ट कुंभ मेले की विशेष पत्रिकाएँ हैं।

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आप 2025 के कुंभ मेले में शामिल हों या 144 साल के महाकुंभ मेले का इंतजार करें, यह आयोजन हर किसी के जीवन का एक यादगार अनुभव हो सकता है। कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह भारत का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पिरामिडों का उत्सव भी है।

आज का पंचांग 24 जनवरी 2025

आज माघ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है, दिन गुरुवार । यह दिन धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ है। आओ, सरल शब्दों में आज के शुभ मंदिर, राहु काल और महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों के बारे में जानें:

महत्वपूर्ण जानकारी

  • तिथि : माघ शुक्ल पक्ष दशमी
  • वार : गुरुवार
  • सूर्योदय : प्रातः 7:13 बजे
  • सूर्य : शाम 5:55 बजे
  • नक्षत्र : स्वाति
  • योग : शुक्ल
  • चन्द्रमा : तुला राशि
  • सूर्य : मकर राशि

शुभ महोर्त

  • अभिजीत उत्सव : 12:05 से 12:45 तक
  • विवाह मुहूर्त : दिन भर शुभ
  • गंगा स्नान : प्रातःकाल (सूर्योदय का समय)

अशुभ समय (राहुकाल)

  • राहुकाल : दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
    इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।

आज के धार्मिक कार्य

  1. भगवान विष्णु की पूजा :
    • श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
    • पीले वस्त्र दान करें।
  2. गंगा स्नान :
    • कुंभ स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
    • आपके वजन के बराबर अन्न का दान पुण्य माना गया है।
  3. शिव पूजा :
    • पार्श्विक वालिवा रुद्र अभिषेक करें।
    • लिंग पर मधु, तिल, बेलपत्र और गंगाजल देखें।
  4. दान-पुण्य :
    • धार्मिक परामर्श और अन्न का दान करें।
    • माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लें।

आज का दिन धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ है। समय भगवान की आराधना करें और पुण्य लाभ प्राप्त करें।

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